नई दिल्ली। महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हो चुका है और आज पवित्र स्नान का पहला दिन है। संगम तट पर स्नान के लिए सुबह से ही भक्तों की भारी भीड़ लग रही है। सुबह से अभी तक करीब 60 लाख लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई है। आज एक करोड़ से अधिक लोगों के संगम में डुबकी लगाने की उम्मीद है।
प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ 2025 का पहला महत्वपूर्ण स्नान मंगलवार 14 जनवरी को मकर संक्रांति का होने वाला है। इसे अखाड़ों ने राजसी स्नान का नाम दिया है। पहले इसे शाही स्नान कहा जाता था। मकर संक्रांति के अलावा और भी राजसी स्नान पर्व महाकुंभ में होने वाले हैं। इन राजसी स्नान में सबसे पहले साधु और संत स्नान करते हैं। जिसके बाद आम लोगों को स्नान की मंजूरी दी जाती है।
कुंभ चार प्रकार के होते हैं। इनको अर्धकुंभ, पूर्ण कुंभ और महाकुंभ कहा जाता है। महाकुंभ 144 साल बाद होता है। महाकुंभ का आयोजन सिर्फ यूपी के प्रयागराज में ही होता है। वहीं, अर्धकुंभ 6 साल और पूर्ण कुंभ 12 साल में होता है। मकर संक्रांति के राजसी स्नान के बाद 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर अहम स्नान पर्व होगा।
इसके बाद 3 फरवरी को बसंत पंचमी, 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के पर्व पर राजसी स्नान की तिथियां हैं। महाशिवरात्रि के पर्व पर अंतिम राजसी स्नान होना है। उसी तारीख को प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का समापन होना है।
प्रयागराज महाकुंभ के लिए यूपी और केंद्र सरकार ने जबरदस्त व्यवस्था की है। 10 पक्के घाट समेत यहां 41 स्नान घाट बनाए गए हैं। 30 पॉन्टून पुल भी यहां श्रद्धालुओं के आने जाने के लिए तैयार किए गए हैं। किसी भी व्यक्ति को डूबने से बचाने के लिए नदियों में वाटर ड्रोन की व्यवस्था है। पूरे महाकुंभ मेला स्थल को अलग जिला घोषित कर यहां के लिए पूरी प्रशासनिक व्यवस्था की गई है।
इसके अलावा महाकुंभ में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था के तहत एंटी ड्रोन सिस्टम, एनएसजी और एटीएस के कमांडो भी तैनात किए गए हैं। महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए घुड़सवार पुलिस भी प्रयागराज में तैनात की गई है।