नई दिल्ली। केरल में इनदिनों भारी बारिश हो रही है। इस बीच वायनाड में हुए भीषण भूस्खलन में सैकड़ों लोग दब गए। जिसमें मरने वालों की संख्या बढ़कर 70 हो गई है। इस भूस्खलन में 116 लोग घायल हुए हैं और अभी भी कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। लोगों को मलबे से निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। घायलों को मलबे से निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भूस्खलन का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि राहत बचाव के लिए तमिलनाड से एयरफोर्स ने 2 हेलिकॉप्टरों वायनाड पहुंचे हैं।

बताया जा रहा है कि भूस्खलन मंगलवार तड़के करीब दो बजे हुआ। इसके बाद सुबह करीब 4.10 बजे एक बार फिर से भूस्खलन ने तबाही मचा दी। जिसके चलते 100 से ज्यादा लोग मलबे में दब गए। फिलहाल लोगों को मलबे से बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। मलबे से 70 लोगों के शव निकाल लिए गए हैं और 116 घायल लोगों को भी बाहर निकाला गया है। जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी पूरी घटना पर नजर बनाए हुए हैं। घटना के बारे में पता चलते ही सरकारी तंत्र ने बचाव अभियान शुरू कर दिया है। राज्य की सभी सरकारी एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई हैं। बताया जा रहा है कि आज राज्य के मंत्री घटनास्थल का दौरा कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने वायनाड के भूस्खलन में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिजनों के लिए पीएमएनआरएफ से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है। घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे। पीएम ने एक्स पोस्ट मे लिखा वायनाड के कुछ हिस्सों में भूस्खलन से चिंतित हूं। मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है और घायलों के लिए प्रार्थना करता हूं। प्रभावित सभी लोगों की सहायता के लिए बचाव अभियान अभी चल रहा है। केरल के सीएम पिनाराई विजयन से बात की और वहां की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

वायनाड के मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) के मुताबिक, भारी बारिश के बाद वायनाड में भूस्खलन हुआ है। भूस्खलन के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने एक कंट्रोल रूम स्थापित कर लिया है। इसके साथ ही आपातकालीन सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए है। लोग हेल्पलाइन नंबर 9656938689 और 8086010833 पर कॉल कर जानकारी हासिल कर सकते हैं।

वायुसेना ने तमिलनाडु के सुलूर से सुबह साढ़े सात बजे दो हेलीकॉप्टर Mi-17 और एक ALH को घटनास्थल पर रवाना किया। सीएमओ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भूस्खलन के चलते थामरसेरी दर्रे से होकर जाने वाले वाले वाहनों को रोक दिया गया है। हालांकि जरूरी वाहनों यहां से गुजर सकेंगे। जिससे दर्रे में ट्रैफिक जाम न हो सके।