रायपुर/भोपाल

मध्य प्रदेश  के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव  ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथियों से मुलाकात की। उनसे मिलकर पुरानी यादें ताजा हो गई। छात्र जीवन के संस्मरणों को याद कर विभिन्न समसामयिक विषयों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव  के नेतृत्व में आए दल को संबोधित भी किया।

छात्र जीवन की पुरानी यादें कीं ताजा
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथी हैं। दोनों ने कई वर्षों तक अनेक दायित्वों का निर्वहन किया है। आज मुलाकात के दौरान अपने छात्र जीवन के पुराने संस्मरणों को याद किया और समसमायिक विषयों पर चर्चा भी की।

गौरतलब है अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संस्थापक शालिग्राम तोमर के राजधानी भोपाल में आयोजित स्मृति समारोह में भाग लेने के लिए परिषद के लगभग 70 सदस्यों का दल छत्तीसगढ़ से भोपाल आया है। दल ने सीएम मोहन को उनके छात्र जीवन से संबंधित छायाचित्र भेंट किया।

दोनों राज्यों की सांझी विरासत है
सीएम डॉ. यादव छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव के साथ आए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधिमंडल को समत्व भवन में संबोधित करते हुए कहा है कि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ की भौगोलिक सीमा के साथ-साथ दोनों राज्यों की साझा सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विरासत है। अतः दोनों राज्यों की सरकार कुछ कार्यक्रम संयुक्त रूप से आयोजित किए कर सकती हैं। व्यवस्था और प्रबंधन की दृष्टि से दो राज्य बने हैं, लेकिन भावनात्मक रूप से हम एक हैं।

मुख्यमंत्री मोहन ने कहा कि दोनों राज्यों के जनप्रतिनिधि राष्ट्र निर्माण को समर्पित हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ के जनप्रतिनिधियों से मध्य प्रदेश के विकास और जनकल्याण के लिए सुझाव और सहयोग का आव्हान करते हुए उन्हें अपने ज्ञान और कौशल का मध्य प्रदेश में भी विस्तार करने के लिए आमंत्रित किया। सीएम ने उज्जैन के ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधियों को महाकालेश्वर के साथ-साथ उज्जैन स्थित भगवान श्रीकृष्ण परंपरा, देवी परंपरा के स्थानों और त्रिवेणी संग्रहालय के विभिन्न आयामों की जानकारी दी। इस कार्यक्रम को सीजी के डिप्टी सीएम अरुण साव ने भी संबोधित किया।