सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है. नवरात्रि के दिनों में देवी मां के 9 स्वरूपों की पूजा आराधना की जाती है. साल में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. जिसमें एक चैत्र नवरात्रि, दूसरा शारदीय नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि. तंत्र मंत्र की साधना करने वाले लोगों के लिए गुप्त नवरात्रि बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस बार हिंदू पंचांग के मुताबिक आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ 6 जुलाई दिन शनिवार से शुरू हो रहा है और इसका समापन 15 जुलाई दिन सोमवार को होगा. गुप्त नवरात्रि 9 दिन नहीं बल्कि इस बार दस दिनों की है. तो चलिए इस रिपोर्ट में जानते हैं कि इस बार माता रानी गुप्त नवरात्रि पर किस पर सवार होकर आ रही है और इस गुप्त नवरात्रि में 10 दिनों तक देवी मां के किस महाविद्या की पूजा आराधना की जाएगी.
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि इस वर्ष आषाढ़ माह की गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 6 जुलाई से हो रही है और इसका समापन 15 जुलाई को होगा. इस बार गुप्त नवरात्रि में माता रानी की सवारी घोड़ा है. नवरात्रि में माता दुर्गा के वाहन का विशेष महत्व होता है. शनिवार दिन के हिसाब से माता दुर्गा घोड़े पर सवार होकर धरती पर आने वाली हैं. माना जाता है कि जब घोड़े पर सवार होकर माता दुर्गा आएंगी तो प्राकृतिक आपदा की आशंका होती है.
गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा की अलग-अलग स्वरूपों की पूजा आराधना की जाती है. जिसमें देवी काली, देवी तारा, देवी ललिता, देवी मां भुवनेश्वरी, देवी त्रिपुर भैरवी, देवी छिन्नमस्तिका , देवी मां धूमावती, देवी बगलामुखी, देवी मातंगी और देवी कमला. इन सभी शक्तियों की पूजा मुख्य रूप से तांत्रिक साधना में की जाती है.
गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं की पूजा को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इसमें ब्रह्मांड की कार्यप्रणाली और उसके भीतर छिपे रहस्य शामिल हैं. महाविद्या सभी जीवित प्राणियों का पालन करती है. इन दस महाविद्याओं को तांत्रिक साधना में बहुत शक्तिशाली माना गया है.