नई दिल्ली । दिल्ली के जल संकट को लेकर दायर की गई याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा फैसला आया है। अदालत ने हिमाचल प्रदेश को तत्काल प्रभाव से 127 क्यूसेक पानी हरियाणा को देने को कहा है, जो पानी दिल्ली में छोड़ा जाएगा, जिससे प्यासी दिल्ली को राहत मिल सके। इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली सरकार से भी पानी बचाने के उपाय करने को कहा है। मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस पीके मिश्रा और केवी विश्वनाथन की बेंच के सामने शुरुआती दलील में दिल्ली सरकार के वकील डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि क्या मैं सिर्फ मीटिंग की खास बातों का उल्लेख करू? उन्होंने आगे कहा, हिमाचल को कोई आपत्ति नहीं है और हरियाणा ने कोई उत्तर नहीं दिया है। रिपोर्ट की यह पूरी समरी है। इस पर जस्टिस विश्वनाथन ने कहा, यह अस्तित्व के मुद्दे की समस्या है। अदालत ने आगे कहा, क्या पानी हिमाचल से आ रहा है, हरियाणा से नहीं। अदालन ने कहा यह रास्ते के अधिकार का सवाल है। हिमाचल आपको (हरियाणा) 150 क्यूसेक पानी दे रहा है, उसे जाने दीजिए। अगर जरूरत महसूस हुई तो हम मुख्य सचिव को सूचित करेंगे। दिल्ली सरकार के वकील ने रिपोर्ट पढ़ते हुए कहा, व्यास नदी से पानी हरियाणा नहर से भेजा जा सकता है। हालांकि हरियाणा के वकील ने इसका विरोध किया और कहा कि यह अव्यावहारिक है। इस पर कोर्ट ने डॉ. सिंघवी से कहा कि इसके बाद कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए कि हिमाचल ने पानी दे दिया लेकिन हरियाणा नहीं दे रहा।
हिमाचल प्रदेश को दिया 127 क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश
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