कोचिंग हब कोटा में रहकर पढ़ रहे छात्रों के बीच बढ़ रही आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए शहर की पुलिस ने खास तरीका निकाला है। पुलिस ने सोशल मीडिया कम्पनी मेटा के साथ एक अहम सहयोग समझौता किया है।

जिसके तहत कम्पनी अपने प्लेटफॉर्म्स फेसबुक और इंस्टाग्राम पर खुदकुशी से जुड़ी चीजें शेयर करने वाले स्टूडेंट्स का पता लगाकर उनकी जानकारी पुलिस के साथ साझा करेगी, जिससे सही समय पर कदम उठाकर ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

पुलिस का दावा है कि एक सप्ताह पहले हुए इसी सहयोग समझौते के बाद उसने एक छात्र को सुसाइड करने से रोकने में भी कामयाबी पाई है। 

बता दें कि कोटा देश का कोचिंग हब है, जहां देश भर से युवा प्रतियोगी परीक्षाओं खासकर मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए आते हैं। और पुलिस को यह समझौता करने की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि इस साल यहां अबतक 9 छात्र जान दे चुके हैं।

वहीं पिछले साल शहर में आत्महत्या करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या 26 थी, जो अब तक की सबसे अधिक संख्या है। ताजा समझौते के तहत मेटा न केवल कोटा शहर के स्टूडेंट्स की बल्कि पूरे राजस्थान राज्य से ऐसी जानकारी पुलिस के साथ साझा करेगा।

इस बारे में जानकारी देते हुए कोटा शहर की एसपी अमृता दुहन ने बताया कि उन्होंने इस बारे में मेटा से मदद लेने के बारे में तब सोचा, जब पता चला कि आत्महत्या के कुछ मामलों में छात्रों ने यह कदम उठाने से पहले अपनी परेशानी और आत्मघाती विचार सोशल मीडिया पर व्यक्त किए थे।

दुहन के अनुसार अगर ऐसे में समय रहते कदम उठाए गए होते तो शायद इन दुखद घटनाओं को रोका जा सकता था। 

मेटा से मिले आत्महत्या की प्रवृत्ति का संकेत देने वाले रेड-फ्लैग टैग की निगरानी के लिए शहर के अभय कमांड सेंटर में 8-8 घंटे की शिफ्ट में 24 घंटे काम करने वाली एक टीम को तैनात किया गया है, जो कि संबंधित क्षेत्र की पुलिस को अलर्ट करती है, ताकि वो समय पर हस्तक्षेप कर सके।

एसपी दुहन ने कहा कि अगर कोटा का कोई छात्र आत्महत्या या खुद को नुकसान पहुंचाने से संबंधित कोई सामग्री सोशल मीडिया पर पोस्ट करता है, तो मेटा के सिस्टम पर रेड-फ्लैग टैग फ्लैश हो जाएगा, इसके बाद कम्पनी उस छात्र के खाते की जानकारी कोटा पुलिस के साथ साझा कर देगी।

उन्होंने कहा कि यदि छात्र कोटा के बाहर से है, तो उसका विवरण समय पर कार्रवाई के लिए अभय कमांड सेंटर या संबंधित जिले के नियंत्रण कक्ष को भेज दिया जाएगा।
 
एसपी ने कहा, इस समझौते के बाद से शहर में ऐसे किसी भी रेड फ्लैग टैग की सूचना नहीं मिली है, लेकिन पुलिस ने झुंझुनू जिले के रहने वाले एक छात्र को आत्महत्या का कदम उठाने से रोक दिया है।

उन्होंने कहा, फिलहाल यह पहल शहर में एक्टिव है लेकिन इसे जयपुर पुलिस मुख्यालय तक विस्तारित करने की योजना पर काम चल रहा है। 

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