पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को कहा कि ”वे दिन अब चले गए” अब नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के अधिकारी… अपने आर्थिक संकट से निपटने के लिए ‘भीख का कटोरा’ लेकर मित्र देश नहीं जाएंगे।

प्रधानमंत्री शरीफ ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की एक दिन की यात्रा के दौरान यह टिप्पणी की। पाकिस्तान और यूएई के बीच लंबे समय से धार्मिक-सांस्कृतिक समानता पर आधारित भाईचारे वाले संबंध हैं।

‘जियो न्यूज’ ने शरीफ के हवाले से कहा, ‘‘वे दिन गए जब मैं अपने मित्र देशों में भीख का कटोरा लेकर जाता था। मैंने वह कटोरा तोड़ दिया है।’’

संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मेरे प्यारे भाई, आपने अपने महान पिता की तरह एक भाई की तरह परिवार के सदस्य की तरह पाकिस्तान का समर्थन किया है।’’ हालांकि, इस कार्यक्रम में यूएई के राष्ट्रपति मौजूद नहीं थे।

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन आज मैं यहां इस महान देश में हूं, इस भाईचारे वाले महान देश में ऋण मांगने के लिए नहीं बल्कि संयुक्त सहयोग, संयुक्त निवेश की तलाश में हूं।’’

 मार्च में सत्ता में आने वाली नई सरकार के प्रधानमंत्री शरीफ ने कहा कि सहयोगों से निवेशकों को पारस्परिक लाभ होगा और कड़ी मेहनत, सरलता और आधुनिक उपकरणों और कौशल के माध्यम से लाभांश प्राप्त किया जाएगा।

पाकिस्तान की आबादी के 60 प्रतिशत हिस्से, यानी युवाओं को सशक्त बनाने के लिए आईटी कौशल को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने अर्थव्यवस्था को डिजिटल बनाने के लिए यूएई और पाकिस्तान की कंपनियों के बीच सहयोग की सराहना की और इसे पाकिस्तान में दोहराने की इच्छा व्यक्त की।

इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान की सत्ता संभालने के बाद यह शरीफ की संयुक्त अरब अमीरात की पहली यात्रा है। उनके साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी आया है जिसमें उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार सहित कैबिनेट के प्रमुख मंत्री शामिल हैं। 

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