यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा भारत की अपनी पहली यात्रा पर बृहस्पतिवार को नई दिल्ली पहुंचे।

इस दौरान उन्होंने कहा कि वह “यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमिर जेलेंस्की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बातचीत को आगे बढ़ाएंगे” और शांति सूत्र पर विशेष ध्यान देंगे।

गुरुवार सुबह नई दिल्ली पहुंचे कुलेबा का शुक्रवार यानी आज विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात का कार्यक्रम है। ऐसी उम्मीद है कि दोनों पक्ष गर्मियों में स्विट्जरलैंड द्वारा आयोजित होने वाले शांति शिखर सम्मेलन में भारतीय भागीदारी पर चर्चा करेंगे।
 
कुलेबा ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग महत्वपूर्ण है और इसे मजबूत किया जाएगा। उनकी दो दिवसीय यात्रा दो साल से अधिक समय से जारी रूस-यूक्रेन युद्ध के शांतिपूर्ण समाधान के प्रयासों के बीच हो रही है।

कुलेबा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘मैंने विदेश मंत्री एस जयशंकर के आमंत्रण पर नई दिल्ली की अपनी यात्रा शुरू की। यूक्रेन-भारत सहयोग महत्वपूर्ण है और हम संबंधों को और मजबूत करेंगे। राष्ट्रपति जेलेंस्की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बातचीत के आधार पर, हम शांति फॉर्मूला पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करेंगे।’’

वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि अपनी यात्रा के दौरान, कुलेबा के कई कार्यक्रम होंगे, जिनमें जयशंकर और डिप्टी एनएसए विक्रम मिस्री के साथ आधिकारिक बैठकें शामिल होंगी।

इन बैठकों में आपसी हित से जुड़े क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर द्विपक्षीय साझेदारी और सहयोग से संबंधित मामलों पर चर्चा की जाएगी।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि कुलेबा की यात्रा विदेश मंत्री जयशंकर के आमंत्रण पर हो रही है। अपनी आधिकारिक यात्रा के पहले दिन कुलेबा ने यहां राजघाट का दौरा किया और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

स्विट्जरलैंड शांति शिखर सम्मेलन में भारत के रुख को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत “बातचीत और राजनय” के जरिए रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए प्रोत्साहन जारी रखेगा।

उन्होंने कहा, “हम बातचीत और राजनय के माध्यम से रूसी-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान को प्रोत्साहित करते रहेंगे।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 मार्च को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ अलग-अलग बातचीत की थी और जोर दिया था कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के समाधान के लिए बातचीत और राजनय ही आगे का रास्ता है।

मोदी ने हालिया चुनाव में पांचवीं बार जीत हासिल करने के लिए पुतिन को बधाई देने की खातिर टेलीफोन पर बातचीत की थी। उसके बाद प्रधानमंत्री ने जेलेंस्की को फोन किया था और मौजूदा संघर्ष को शीघ्र समाप्त करने तथा शांति के लिए सभी प्रयासों के प्रति भारत के समर्थन से अवगत कराया था।

जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई बातचीत के दौरान अपने देश की संप्रभुता के समर्थन के लिए भारत के प्रति आभार व्यक्त किया था। उन्होंने कहा कि भारत को स्विट्जरलैंड में पहले शांति शिखर सम्मेलन में भाग लेते देखना यूक्रेन के लिए महत्वपूर्ण होगा।