रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध खतरनाक मोड़ लेता जा रहा है।

तीसरे साल में प्रवेश कर चुका यह महायुद्ध लाखों कत्लेआम और अरबों के नुकसान के बाद भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।

इस युद्ध में लाखों की संख्या में लोग पलायन कर चुके हैं। इस युद्ध में नाटो और अमेरिका के दम पर यूक्रेनी सेना पुतिन की खतरनाक आर्मी को लोहे के चने चबवा रही है।

पुतिन लगातार यूक्रेन से युद्ध में अन्य देशों की दखलअंदाजी पर अपने तेवर दिखा चुके हैं। पुतिन ने हाल ही में नाटो देश के यूक्रेन में अपनी आर्मी भेजने पर कड़ा ऐतराज जताया था। पुतिन ने बाकायदा परमाणु बम से हमले की धमकी दी थी। पुतिन की धमकी का असर यह हुआ है कि इसने यूक्रेन में अपनी सेना भेजने की घोषणा वापस ले ली है।

यहां नाटो देश पोलैंड की बात हो रही है। नाटो मेंबर पोलैंड ने यूक्रेन में सेना भेजने के फैसले पर आश्चर्यजनक रूप से यू-टर्न ले लिया है। एक नए बयान में पोलैंड ने कहा है कि यूक्रेन में सेना भेजने के लिए हमारी कोई योजना नहीं है।

मामले की जानकारी रखने वाले लोगों का मानना है कि पोलैंड ने ऐसा पुतिन की धमकी के बाद किया है।

पोलैंड ने कहा है कि यूक्रेनी सेवा सदस्यों को प्रशिक्षित करने के लिए भी सेना नहीं भेजी जाएगी। यह तब हुआ है जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पश्चिम द्वारा यूक्रेन में सेना भेजने पर परमाणु युद्ध की चेतावनी दी है।

पश्चिम के दखल से गुस्साए पुतिन
पुतिन ने हाल ही में रूस के वार्षिक राष्ट्रीय संबोधन के दौरान पश्चिम देशों के लिए अपनी धमकियां जारी कीं थी।

पुतिन ने दो टूक शब्दों में कहा था कि अगर पश्चिम ने यूक्रेन को मदद करना जारी रखा तो उन देशों को यह नहीं भूलना चाहिए कि हमने जो परमाणु हथियार और घातक बम रखे हैं, उनके क्षेत्रों में भेजने से नहीं कतराएंगे।