वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को शनिवार को भारत रत्न देने की घोषणा की गई।

पूर्व उपप्रधानमंत्री को देश के सर्वोच्च सम्मान से नवाजने की खबर सामने आते ही उन्हें बधाई देने वालों का तांता लग गया। पीएम मोदी ने भी इसको लेकर ट्वीट किया। वहीं, लालकृष्ण आडवाणी के जीवन से जुड़े वाकए और जिंदगी के किस्सों का दौर शुरू हो गया।

ऐसा ही एक वाकया 2005 का है जब लालकृष्ण आडवाणी काफी अरसे बाद पाकिस्तान स्थित अपने जन्मस्थान पर पहुंचे थे। अविभाजित भारत में पैदा हुए आडवाणी उस स्थान पर पहुंचकर काफी भावुक हो गए थे। 

कराची का मोहट्टा पैलेस
आडवाणी का जन्म 1927 में पाकिस्तान के कराची स्थित पारसी कॉलोनी में हुआ था। वह यहां पर मोहट्टा पैलेस में रहा करते थे।

साल 1947 में आजादी के बाद जब देश का बंटवारा हुआ तो वह अपने परिवार के साथ भारत चले आए थे। जून 2005 में लालकृष्ण आडवाणी पाकिस्तान के दौरे पर गए थे।

इस यात्रा का जिक्र पाकिस्तान के अखबार डॉन ने किया है। इसके मुताबिक आडवाणी ने पत्रकारों से कहा था कि 58 साल बाद अपने जन्मस्थान पर आकर मैं काफी ज्यादा भावुक हो गया हूं।

इस दौरान स्थानीय लोगों ने बड़ी गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत किया था। आडवाणी ने भी लोगों की तरफ हाथ हिलाकर जवाब दिया था।

नॉस्टैल्जिक फील
बचपन में जिस घर में आडवाणी रहते थे वह दो-मंजिला बिल्डिंग थी। जब वह 2005 में वहां पहुंचे थे तो यह बिल्डिंग पांच मंजिला हो चुकी थी।

पुराने मोहल्ले में पहुंचकर आडवाणी ने कहा था कि मैंने अपने बचपन का एक बड़ा हिस्सा यहां पर बिताया है। आज यहां वापस आकर मैं बेहद नॉस्टैल्जिक फील कर रहा हूं।

आडवाणी ने कहा कि मैं यह देखकर हैरान हूं कि यहां से जाते वक्त जो बेड और आलमारी मैं छोड़ गया था वह आज भी ठीक-ठाक हालत में है।

लालकृष्ण आडवाणी के साथ उनकी पत्नी कमला, बेटी प्रेब्ता, बेटा जयंत और बहू गीतिका भी मौजूद थीं।

पीएम मोदी ने लिखी यह बात
इससे पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में शामिल आडवाणी का भारत के विकास में महान योगदान है।

उन्होंने अपने जीवन में जमीनी स्तर पर काम करने से शुरुआत कर हमारे उपप्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा की। प्रधानमंत्री ने कहा कि आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाना मेरे लिए एक बहुत ही भावुक क्षण है।

उन्होंने कहा कि आडवाणी जी ने अपने सार्वजनिक जीवन में दशकों तक सेवा करते हुए पारदर्शिता और अखंडता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता जताई और राजनीतिक नैतिकता में एक अनुकरणीय मानक स्थापित किया।

उन्होंने राष्ट्र की एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को आगे बढ़ाने की दिशा में अद्वितीय प्रयास किए हैं। मोदी ने सबसे लंबे समय तक भाजपा के अध्यक्ष रहे आडवाणी से बात कर उन्हें बधाई दी।