नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल द्वारा हाल ही में घोषित महिला सम्मान योजना को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2100 रुपए देने का वादा किया गया है और फिलहाल योजना का रजिस्ट्रेशन कार्यक्रम चल रहा है।
वहीं अब दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने इस योजना के तहत हो रहे रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया की जांच के आदेश दिए हैं। इसके बाद केजरीवाल सरकार की एक बार फिर मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है।
उपराज्यपाल ने डिविजनल कमिश्नर को निर्देश दिया है कि वे इस बात की जांच करें कि महिला सम्मान योजना के नाम पर हो रहे रजिस्ट्रेशन किस आधार पर किए जा रहे हैं। दिल्ली के सभी जिलों में डिविजनल कमिश्नर इस प्रक्रिया की पड़ताल करेंगे और जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट उपराज्यपाल को सौंपेंगे।
बता दें आम आदमी पार्टी ने महिला सम्मान योजना के तहत वादा किया है कि 18 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को हर महीने 1000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही पार्टी ने कहा है कि अगर 2025 के विधानसभा चुनाव में उसे जीत मिलती है, तो यह राशि 1000 रुपए से बढ़ाकर 2100 कर दी जाएगी।
योजना को लेकर उपराज्यपाल द्वारा जांच के आदेश दिए जाने के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। दिल्ली सरकार ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं, जबकि विपक्ष ने योजना को चुनावी स्टंट करार दिया है। इस विवाद के बीच जनता के बीच योजना को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है।
उपराज्यपाल द्वारा जांच के आदेश से यह साफ हो गया है कि योजना की व्यवस्था और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पर प्रशासनिक स्तर पर सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं अब यह देखना होगा कि जांच रिपोर्ट में क्या सामने आता है और महिला सम्मान योजना का क्या होता है।