इंदौर जिले के 75 गांवों के हजारों किसानों को मिलेगी 27 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा
जिला स्तरीय किसान सम्मेलन सम्पन्न

इंदौर। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में आज जयपुर में पार्वती-कालीसिंध- चंबल नदी जोड़ो लिंक परियोजना का हुआ त्रि-स्तरीय अनुबंध हुआ। इस महत्वाकांक्षी परियोजना से इंदौर जिले के 75 गांव लाभांवित होंगे। इन गांवों के हजारों किसानों को जहां एक ओर 27 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा मिलेगी वहीं दूसरी ओर पेयजल की सुविधा भी प्राप्त होगी। जयपुर में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा भी मौजूद थे। कार्यक्रम में प्रदेश के जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट भी शामिल हुए। इस अवसर पर इंदौर में जिला स्तरीय किसान सम्मेलन आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के माध्यम से सैकड़ों किसान उक्त कार्यक्रम के साक्षी बने।

इस कार्यक्रम में कलेक्टर श्री आशीष सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सिद्धार्थ जैन तथा उपाध्यक्ष श्री भारत सिंह पटेल, श्री सतीश मालवीय, उप संचालक कृषि श्री एस.एस. राजपूत, जल संसाधन विभाग कार्यपालन यंत्री श्री कमल कुवाल सहित अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे। कार्यक्रम में जयपुर में सम्पन्न हुए अनुबंध हस्ताक्षर निष्पादन कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी दिखाया गया। कार्यक्रम में बताया गया कि जिले में यह परियोजना ‘बछौडा देपालपुर सूक्ष्म सिंचाई परियोजना के नाम से क्रियान्वित होगी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी की महत्वाकांक्षी नदी जोड़ो योजना एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के संकल्प के अनुरूप संशोधित पार्वती- कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना (एम.पी.के.सी.) राष्ट्रीय परियोजना अंतर्गत इन्दौर जिले की देपालपुर तहसील अंतर्गत बछौडा देपालपुर वृहद सूक्ष्म सिंचाई परियोजना हेतु राशि 1538.59 करोड़ रुपये की स्वीकृति मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रदान की गई है। योजना अंतर्गत बछौडा (लिम्बोदापार के समीप) बैराज निर्माण कर चम्बल नदी के वर्षा के जल को देपालपुर तालाब की ऊँचाई बढ़ाते हुए बेलन्सिंग रिजरवायर बनाया जाकर 92.99 मिलियन घन मीटर का जल भण्डारण किया जाना प्रस्तावित है। प्रस्तावित योजना के लिए बछौडा के समीप लिम्बोदा पार में 4.10 मि.घ.मी. जल भण्डारण के बैराज का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। बैराज निर्माण स्थल के डूब से वर्षाकाल के दौरान पंपिंग कर चम्बल नदी के जल को देपालपुर तालाब को बेलन्सिंग रिजरवायर बनाते हुए 92.99 मिलियन घन मीटर जल का भण्डारण किया जायेगा।

सिंचाई हेतु जल का वितरण भूमिगत पाईप प्रणाली पर आधारित होगा। भूमिगत पाईप लाईन से प्रत्येक एक हेक्टर चक तक किसानों को जल उपलब्ध होगा। दाबयुक्त जल से कृषक ड्रिप या स्प्रिंकलर पद्धति से सिंचाई कर सकेगें। परियोजना से देपालपुर तहसील के लगभग 75 ग्रामों की 27000 हेक्टर क्षेत्र में सूक्ष्म पद्धति से सिंचाई की जा सकेगी। परियोजना अंतर्गत पेयजल हेतु 3.00 मिलियन घन मीटर जल का प्रावधान किया गया है। परियोजना से निर्माण के दौरान स्थानीय लोगों को रोजगार प्राप्त होगा तथा निर्माण पश्चात सिंचाई पेयजल के अतिरिक्त देपालपुर तहसील के लाभान्वित ग्रामों को सिंचाई का पानी मिलने से ग्राउण्ड वाटर लेवल में वृद्धि होगी। बैराज के डूब क्षेत्र से मछली उत्पादन में भी मदद मिलेगी। वर्तमान में भू-जल के डार्क जोन में आने वाली देपालपुर तहसील को योजना के निर्माण पश्चात डार्क जोन से मुक्त करने में मदद मिलेगी।

संशोधित पार्वती-कालीसिंध चंबल लिंक परियोजना (एम.पी.के.सी.) सह पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ई.आर.सी.पी.) राष्ट्रीय परियोजना के विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार करने हेतु सचिव भारत सरकार एवं दोनों राज्यों के अपर मुख्य सचिव के मध्य मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा की उपस्थिति में गत जनवरी माह में समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया। मध्यप्रदेश राज्य की परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु कुल अनुमानित लागत 35 हजार करोड़ रुपये आंकलित की गई। परियोजना से मध्यप्रदेश में कुल 6.14 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई उपलब्ध होगी। परियोजना से मध्यप्रदेश के 13 जिलों में सिंचाई एवं पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी। संशोधित पार्वती-कालीसिंध चंबल लिंक परियोजना केन्द्र द्वारा वित्त घोषित परियोजना है, जिसमें लागत का वहन 90:10 (केन्द्र राज्य) के अनुपात में किया जाना है। एम.पी.के.सी. घटक अंतर्गत बछौड़ा देपालपुर माइक्रो सिंचाई परियोजना शामिल है।