नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली के भारत मंडपम में तीन दिवसीय अष्टलक्ष्मी महोत्सव का उद्घाटन किया। अष्टलक्ष्मी महोत्सव को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अष्टलक्ष्मी महोत्सव, नॉर्थ ईस्ट के बेहतर भविष्य का उत्सव है, ये विकास के नूतन सूर्योदय का उत्सव है, जो ‘विकसित भारत’ के मिशन को गति देने वाला है।

पीएम मोदी ने कहा कि मेरा विश्वास है कि भारत में भी आने वाला समय पूर्वी भारत का है, हमारे पूर्वोत्तर का है। बीते दशकों में हमने मुंबई, अहमदाबाद, दिल्ली, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों को उभरते देखा है। आने वाले दशकों में हम गुवाहाटी, अगरतला, इंफाल, ईटानगर, गंगटोक, कोहिमा, शिलांग और आईज़ोल जैसे शहरों का सामर्थ्य देखने वाले हैं। हमारी परम्परा में मां लक्ष्मी को सुख, आरोग्य और समृद्धि की देवी कहा जाता है। हम लक्ष्मी पूजा में उनके आठ रूपों को पूजते हैं-आदि लक्ष्मी, धन लक्ष्मी, धान्य लक्ष्मी, गज लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी, वीर लक्ष्मी, विजय लक्ष्मी और विद्या लक्ष्मी। इसी तरह भारत के पूर्वोत्तर में आठ राज्यों की अष्टलक्ष्मी विराजमान हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत सरकार की बहुत बड़ी प्राथमिकता अष्टलक्ष्मी राज्य के युवा हैं। नॉर्थ ईस्ट का युवा हमेशा से विकास चाहता है। दस वर्षों में नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में स्थायी शांति के प्रति एक अभूतपूर्व जनसमर्थन दिख रहा है। लंबे समय तक हमने देखा है कि विकास को भी कैसे वोटों की संख्या से तोला गया है। नॉर्थ ईस्ट के पास सीटें कम थी इसलिए पहले की सरकारों द्वारा वहां के विकास पर ध्यान नहीं दिया गया। यह अटल जी की सरकार थी जिसने पहली बार नॉर्थ ईस्ट के लिए अलग मंत्रालय बनाया।

पीएम मोदी ने कहा कि बीते 100-200 साल के कालखंड को देखें तो हमने पश्चिम की दुनिया का उभार देखा है। आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर दुनिया में पश्चिमी क्षेत्र की एक छाप रही है। संयोग से भारत में भी हमने देखा है कि हमारे देश के पश्चिमी क्षेत्र ने भारत की ग्रोथ में बड़ी भूमिका निभाई है।