इंदौर। इंदौर में दस साल पहले 300 करोड़ की लागत से बनाया गया बीआरटीएस अब हटाया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शहर में मीडिया से चर्चा करते हुए यह बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि जनता को इससे परेशानी हो रही है और जनप्रतिनिधियों की मांग पर यह निर्णय लिया जा रहा है।

बता दें कि गुरुवार को इंदौर पहुंचे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भोपाल के बाद इंदौर के बीआरटीएस को हटाने का फैसला भी लिया जा रहा है। इसके लिए शहर के जनप्रतिनिधियों ने मांग की है। कोर्ट में भी सरकार की तरफ से इस संबंध में पक्ष रखा जाएगा। विमानतल पर पत्रकारों से चर्चा के दौरान उन्होंने यह बात कही। इसके बाद वे एक निजी कालेज के समारोह में शामिल होने के लिए रवाना हो गए।

इंदौर में 300 करोड़ रुपये की लागत से 11 किलोमीटर लंबा बीआरटीएस दस साल पहले शुरू हुआ था। इसकी बस लेन में 30 से ज्यादा बसें चलती हैं और 12 स्टेशन भी बनाए गए हैं। इस प्रोजेक्ट के लिए जवाहर लाल शहरी नवीनीकरण मिशन के तहत इंदौर को राशि मिली थी। बस के लिए विशेष लेन बनाने का कुछ लोगों ने विरोध भी किया था और मामला हाईकोर्ट में भी है। हालांकि इंदौर का बीआरटीएस काफी सफल साबित हुआ है।

दिल्ली, पुणे के बीआरटीएस बाद में हटा दिए गए। भोपाल में भी बीआरटीएस की बस लेन को हटाने का फैसला लिया जा चुका है। इंदौर बीआरटीएस का छह किलोमीटर का हिस्सा बाटलनेक है। एलआईजी से व्हाईट चर्च रोड तक सड़क की चौड़ाई कम है। बीआरटीएस के कारण जंक्शन पर ब्रिज बनाने में भी परेशानी आ रही है।