भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर रीवा कलेक्ट्रेट परिसर में निवेश प्रोत्साहन केन्द्र शुरू हो गया है। रीवा सहित पूरा विंध्य क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों और खनिज संपदा से समृद्ध है। यहां बाणसागर बांध की नहरों के माध्यम से पर्याप्त पानी उपलब्ध है। उद्योगों की स्थापना के लिए यहां कम दर पर पर्याप्त भूमि उपलब्ध है। उद्योगों की स्थापना के लिए विंध्य क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं। इन संभावनाओं को फलीभूत करने के लिए कलेक्ट्रेट रीवा में निवेश प्रोत्साहन केन्द्र शुरू किया गया है। आगामी 23 अक्टूबर को होने वाले रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की तैयारियों के क्रम में इस केन्द्र को शुरू किया गया है। केन्द्र में मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास केन्द्र अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। निवेश प्रोत्साहन केन्द्र से उद्योगों की स्थापना के लिए उपलब्ध भूमि, पानी, सड़क, बिजली, रेलवे लाइन, हवाई मार्ग, श्रमिकों की उपलब्धता आदि की जानकारी दी जा रही है।
विंध्य में बाणसागर बांध की नहरों से खेती में चहुँमुखी विकास हुआ है। गेंहू, धान, चना, सरसों सहित सभी फसलों के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। फल और सब्जियों का उत्पादन भी तेजी से बढ़ा है। कृषि आधारित तथा खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना की भी अच्छी संभावनाएं हैं। उद्योगों की स्थापना के लिए रीवा जिले में गुढ़ में नया औद्योगिक केन्द्र विकसित किया गया है। मऊगंज जिले में घुरेहटा तथा कटरा-घूमा में नए औद्योगिक केन्द्र विकसित किए जा रहे हैं। सिरमौर और सेमरिया तहसील तथा त्यौंथर तहसील में औद्योगिक निवेश के लिए भूमि आरक्षित की गई है। जिले के कई क्षेत्रों में सोलर एनर्जी की भी अच्छी संभावना है। निवेश प्रोत्साहन केन्द्र से पूरे क्षेत्र में औद्योगिक निवेश से जुड़े सभी आयामों की जानकारी दी जा रही है, जिससे निवेशकों का काम आसान होगा।