छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली ट्रेनें बड़ी संख्या में कैंसिंल होने और चल रही ट्रेनों में कंफर्म बर्थ नहीं मिलने से यात्री परेशान हैं। इधर यात्रियों की मजबूरी का फायदा बस और टैक्सी संचालक किराया बढ़ाकर उठा रहे हैं।
मानसून को देखते हुए दूसरे राज्यों से मजदूरों के लौटने से लंबी दूरी की अधिकतर बसों में पैर रखने तक की जगह नहीं है। इसके चलते लोगों को खड़े होकर किसी तरह यात्रा करनी पड़ रही है।
12 जून से 10 जुलाई तक 90 ट्रेनों के कैंसिल होते ही बस संचालक भी मनमाना किराया वसूल रहे हैं। वहीं निजी टैक्सी मालिक में चांदी काट रहे हैं।
दरअसल ट्रेनों के अनियमित परिचालन के चलते टैक्सी और बस संचालक यात्रियों को देखकर मनमुताबिक किराया ले रहे हैं। सामान्य दिनों में टैक्सी की क्षमता के अनुसार आठ से 14 रुपये प्रति किलोमीटर किराया लिया जाता है।
नाइट हॉल्टिंग का 800 से 1000 रुपये अतिरिक्त चार्ज लिया जा रहा था। बसों में भीड़ को देखते हुए रायपुर से अंबिकापुर का 1,000, गढ़वा रोड का 1,400, बिलासपुर का 300 रुपये किराया वसूला जा रहा है।
वहीं बुक कराने पर 10 से 15 रुपये प्रति किलोमीटर किराया और नाइट हॉल्टिंग के 1,000 से 1,200 रुपए लिए जा रहे हैं।
मनमाना किराया वसूल रहे टैक्सी वाले
ट्रेनों के अनियमित परिचालन के चलते टैक्सी चालक और बस एजेंट मनमाना किराया यात्रियों से वसूल रहे हैं। ट्रेनें रद और जो ट्रेने चल रही हैं, उनमें कंफर्म बर्थ नहीं मिलने के कारण यात्रियों को मजबूरी में अधिक पैसे देकर सफर तय करना पड़ रहा है।
यात्रियों से निर्धारित किराये से सौ, दो सौ रुपये ज्यादा वसूलने की शिकायत बस संचालकों तक भी पहुंच रही है।
ऑटो चालक भी उठा रहे फायदा
रायपुर के विभिन्न स्थानों से भाठागांव बस स्टैंड पहुंचने वाले लोगों से कुछ ऑटो और ई-रिक्शा चालक मनमाना किराया वसूलते रहे हैं।
ऑटो चालक पंडरी, मोवा, शंकरनगर, सेजबहार, इलाके से भाठागांव आने वाले यात्रियों से दो सौ से लेकर तीन सौ रुपये किराया वसूल रहे हैं। इसके चलते आए दिन यात्रियों और ऑटो चालकों के साथ
विवाद और मारपीट की शिकायत भी पुलिस तक पहुंच रही है।