महासमुंद.

बागबाहरा ब्लॉक के हरनादादर गांव में एक किसान ने कीटनाशक दवाई पीकर आत्महत्या कर ली। उनके पास  ढाई एकड़ कृषि भूमि थी। परिजनों का आरोप है कि किसान ने कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या की है। मामले को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने जांच कमेटी बनाई है। साथ ही स्थानीय कांग्रेस विधायक ने राज्य सरकार से 5 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की है। वहीं, मामले में पुलिस विभाग के आला अधिकारी जांच के बाद ही किसी निष्कर्ष पर जाने की बात कर रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, हरनादादर गांव में रहने वाले किसान बलिराम ठाकुर (60) ने रविवार को कीटनाशक दवाई खाली थी। परिजनों ने उन्हें शासकीय अस्पताल बागबाहरा पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने उनकी हालत को देखते हुए उन्हें महासमुंद मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। मेडिकल कॉलेज में आदिवासी किसान बलिराम ठाकुर की इलाज के दौरान मौत हो गई। चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम कराकर शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
मृतक के परिजनों का आरोप है कि बलिराम ठाकुर ने सूदखोर से 30 हजार रुपये कर्ज लिया था, जो ब्याज सहित बढ़कर 50 हजार रुपये हो गया था। जिसे वापस करने के लिए सूदखोर लगातार दबाव बना रहे थे, जिससे परेशान होकर किसान ने आत्महत्या कर ली।  किसान की इस आत्महत्या के बाद अब सियासत भी शुरू हो गई है। प्रदेश कांग्रेस ने इस पूरे मामले में पांच सदस्यी जांच टीम का गठन कर दिया है। वहीं, स्थानीय खल्लारी के कांग्रेस विधायक द्वारकाधीश यादव ने परिजनों से मुलाकात कर मामले की जानकारी ली है।

उनका कहना है कि वे मुख्यमंत्री से किसान परिवार को पांच लाख का मुआवजा राशि देने की मांग करेंगे, लेकिन यदि उन्हें न्याय और मुआवजा नहीं मिलता तो ग्रामीणों के साथ कांग्रेस और खुद विधायक भी प्रदर्शन के लिए मजबूर होंगे। इस पूरे मामले में पुलिस के अधिकारी मर्ग कायम कर जांच में जुट गए हैं। बागबाहरा एसडीओपी यूलैंडन यार्क का कहना है कि हरनादादर के किसान ने जहर खाकर आत्महत्या तो की है, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट व जांच के बाद ही पता चलेगा कि आत्महत्या का कारण क्या था। फिलहाल मामले में जांच जारी है।