जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले के सुखल गांव में बीते दिनों आतंकी हमले में सीआरपीएफ जवान कबीर दास उईके गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। शहीद कबीर दास उईके का अंतिम संस्कार गुरुवार को पैतृक गांव पुलपुलडोह में किया जाएगा। शहीद का पार्थिव शरीर गांव आ चुका है। शहीद जवान कबीर दास उईके मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के गांव पुलपुलडोह के रहने वाले थे। शहीद कबीर दास 2011 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे और चार साल पहले ही उनकी शादी हुई थी। उनके परिवार में पत्नी एक छोटा भाई, मां और दो शादीशुदा बहने हैं। वह 10 दिन पहले ही छुट्टी से ड्यूटी पर लौटे थे।
आंतकी हमले में शहीद हुए थे कबीर दास
कबीर दास के शहीद होने की खबर मिलने के घर पर मातम पसर गया। शहीद के परिजन से मिलने पहुंचे सांसद विवेक बंटी साहू ने खेद व्यक्त कर परिवार को ढांढस बंधाया। इसके साथ ही शहीद के परिवार को हर संभव मदद देने का भरोसा दिलाया। शहीद का पार्थिव शरीर गुरुवार सुबह 10:30 बजे उनके गांव पुलपुलडोह पहुंचा। बेटे की मौत की खबर सुनकर मां इंद्रवती उइके स्तब्ध है। मां ने कहा कि उनकी एक दिन पहले ही कबीर से फोन पर बात हुई थी। जम्मू-कश्मीर में बीते तीन दिनों में तीन आतंकी घटनाएं सामने आई हैं। पहला आतंकी हमला रियासी में वैष्णो देवी जा रहे श्रृद्धालुओं से भरी बस पर किया गया था, जबकि दूसरा कठुआ और तीसरा आतंकी हमला डोडा में हुआ। इस बार आतंकियों ने अपना निशाना डोडा में स्थित सेना के बेस को बनाया था। वहीं, 9 जून को रियासी के शिवखोड़ी धान में दर्शन लौट रहे श्रृद्धालुओं आतंकियों ने फायरिंग कर दी थी। इस आतंकी हमले में 9 श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी जबकि 33 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। शहीद परिजनों के मुताबिक कबीर दास उईके 25 मई को ही ड्यूटी पर वापस लौटे थे। शहीद के परिवार वालों ने बताया कि उनकी जल्द ही पोस्टिंग भोपाल में होने वाली थी। इसलिए वह 16 जून को घर आने वाले थे। कबीर की शहादत की खबर से हर आंख नम है।