भारत ने पहली बार गाजा में लगातार किए जा रहे हमले को लेकर इजरायल की कड़ी आलोचना की है।
रूस में सोमवार को एक बैठक के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य में ब्रिक्स देश के विदेश मंत्रियों ने फिलिस्तीन की स्थिति बिगड़ने और विशेष रूप से गाजा पट्टी में जारी हिंसा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
विदेश मंत्रियों ने यूएनजीए प्रस्तावों और यूएनएससी संकल्प 2720 को प्रभावी तरीके से लागू करने के साथ-साथ गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी नागरिकों को मानवीय सहायता तत्काल शुरू करने और निर्बाध तरीके से इसके वितरण का आह्वान किया है।
आपको बता दें कि ब्रिक्स देशों में प्रमुख रूप से ब्राजील, रूस, भारत और चीन शामिल है।
ब्रिक्स देशों ने हमास की कार्रवाई की भी निंदा की है। उन्होंने अपने बयान में कहा कि सभी बंधकों और नागरिकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई होनी चाहिए। उन्हें अवैध रूप से बंदी बनाया जा रहा है।
आपको बता दें कि रूस वर्तमान में ब्रिक्स की अध्यक्षता कर रहा है। ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों ने राफा पर इजरायल द्वारा बढ़ते हमलों पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने राफा में इजरायली सैन्य कार्रवाई और इसके परिणामों की निंदा की है।
उन्होंने फिलिस्तीनी लोगों को उनकी भूमि से जबरन विस्थापित करने के किसी भी प्रयास को गलत ठहराया है। उन्होंने मध्य पूर्व क्षेत्र के बाकी हिस्सों में तनाव बढ़ने के प्रभावों के प्रति आगाह किया।
उन्होंने दक्षिण अफ्रीका द्वारा इजरायल के खिलाफ शुरू की गई कानूनी कार्यवाही में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के द्वारा किए जाने वाले फैसले को स्वीकार किया।
मंत्रियों ने इजरायल द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर, संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों और कोर्ट के आदेशों की निरंतर हो रही अवहेलना पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन की पूर्ण सदस्यता के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की और अंतर्राष्ट्रीय कानून के आधार पर समाधान के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता दोहराई।
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