सनातन धर्म में भजन-कीर्तन की परंपरा रही है. हर छोटी-बड़ी खुशी के मौकों पर लोग भजन-कीर्तन कराते हैं. ऐसा कराना बेहद शुभ होता है. माना जाता है कि भजन-कीर्तन कराने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है, जिससे घर से नकारात्मक शक्तियां नष्ट हो जाती हैं. साथ ही परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. लेकिन, इसका लाभ आपको तभी मिलेगा जब आप कुछ बातों का ध्यान रखेंगे. अब सवाल है कि भजन-कीर्तन करते या कराते समय ध्यान किन बातों का ध्यान रखें?
भजन-कीर्तन करते-कराते समय ध्यान रखने वाली बातें
दिशा का रखें ध्यान: पं. पंडित ऋषिकांत मिश्र के मुताबिक, भजन-कीर्तन करते-कराते समय दिशा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. इसलिए ध्यान रहे कि आपका मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर हो. इन दो दिशाओं को छोड़कर किसी अन्य दिशा में भजन-कीर्तन करने से मन में भटकाव हो सकता है.
गणेश मूर्ति स्थापित करें: यदि आप घर पर भजन-कीर्तन करा रहे हैं तो सबसे पहले भगवान गणेश की मू्र्ति स्थापित करना जरूरी है. पंडित के मुताबिक, गणेश जी को याद किए बिना भजन-कीर्तन का संपूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है.
गाय के घी का दीपक जलाएं: आप जिस भी देवी-देवता का भजन कर रहे हों, उनके चित्र के समक्ष गाय के घी का दीपक जरूर जलाएं. इसके साथ ही धूप जलाना और जल का पात्र रखना भी अनिवार्य माना गया है.
सफाई का ध्यान रखें: घर में भजन-कीर्तन करते या कराते समय साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. ऐसे में जिस स्थान पर भजन-कीर्तन का आयोजन हो रहा हो, वहां पर गंदगी नहीं होनी चाहिए.
सामूहिक आयोजन कराएं: भजन-कीर्तन का आयोजन हमेशा सामूहिक रूप से कराना चाहिए. ऐसा करना शुभ माना गया है. इसलिए जब भी भजन-कीर्तन कराएं तो आसपास के लोगों को और रिश्तेदारों को जरूर आमंत्रित करें.