आदिशक्ति मां विंध्यवासिनी महालक्ष्मी की अवतार हैं. मां विंध्यवासिनी को भाव की देवी कहा जाता है. अगर आप भी कर्ज से परेशान हैं और मुक्ति पाना चाहते हैं, तो मां विंध्यवासिनी धाम में 9 नारियल अर्पित करें. मान्यता है कि आपको कर्ज से मुक्ति मिल जाएगी. प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां विंध्यवासिनी धाम में लाखों भक्त अपनी मन्नत लेकर आते हैं. मां विंध्यवासिनी को करुणामई माना जाता है, मान्यता है कि जो भक्त मां के दरबार में सच्चे मन से आते हैं, उनकी हर मुराद पूरी हो जाती है.
धर्मगुरु त्रियोगी नाथ मिश्रा ने बताया कि मां विंध्यवासिनी भाव की देवी है. भाव में ही उनका प्रभाव दिखता है. वह व्यक्ति के स्वभाव को बदल देती है. कर्ज लेना भी व्यक्ति का स्वभाव होता है, जो मजबूरी में ले लेते हैं. मां भगवती के धाम की मान्यता है कि झांकी से दर्शन करिए और अगर आपके आंसू छलक गए तो मां आपके भंडार को भर देती है. उन्होंने बताया कि मां विंध्यवासिनी करुणा से प्रसन्न होती है.
मां के चरणों में अर्पित करें नौ नारियल
धर्मगुरु त्रियोगी नारायण मिश्रा ने बताया कि जो कर्ज में डूब गए हैं. वह मां के चरणों में नौ नारियल अर्पित कर दें. कर्ज से मुक्ति मिल जाती है. भगवती अगर कृपा बरसा दे तो पुनः मां की विशेष पूजा करनी चाहिए. मां विंध्यवासिनी के धाम में आकर गंगा भी विशेष हो जाती है. अगर आपकी प्रगति कहीं रुकी हुई है, तो गंगा के जलधारा में एक नारियल सिर पर सात बार घुमाकर प्रवाहित जल में फेंक दें. इससे जो भी नकारात्मक ऊर्जा है, वह खत्म हो जाती है. पूर्णमासी के दिन भी मां विंध्यवासिनी के धाम में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. श्रद्धाभाव से मां के दरबार में दर्शन करने से हर मुराद पूरी होती है.