इजरायल ने गाजा के रफह शहर पर हमले किए हैं जिसमें कम से कम 16 फलस्तीनियों की मौत हो गई है।
मानवीय कार्यों से जुड़े ‘फलस्तीनी नागरिक सुरक्षा’ और ‘फलस्तीनी रेड क्रीसेंट’ ने यह जानकारी दी। स्थानीय लोगों ने बताया कि दक्षिणी गाजा नगर में लड़ाई तेज हो गई है।
इजरायल की ओर से मई में हमले की शुरुआत से रफह से 10 लाख लोग भाग गए जिनमें से ज्यादातर लोग इजरायल और हमास की जंग की वजह से पहले ही विस्थापित हो चुके हैं और वे युद्ध से तबाह इलाकों में शिविरों में शरण ले रहे हैं।
अमेरिका और इजरायल के अन्य सहयोगियों ने रफह में पूर्ण हमले के खिलाफ चेतावनी दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने कहा है कि ऐसा करना सीमा लांघना होगा और ऐसे हमले के लिए हथियार देने से इनकार कर दिया था।
अंतरराष्ट्रीय अदालत ने इजरायल से शुक्रवार को रफह पर हमला रोकने को कहा था। हालांकि उसके पास अपने आदेश को लागू कराने की कोई शक्ति नहीं है।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने आगे बढ़ने का संकल्प लेते हुए कहा है कि हमास को खत्म करने और सात अक्टूबर के हमले के बाद बंधक बनाए गए लोगों को मुक्त कराने के लिए उनके सैन्यकर्मी रफह जाएंगे।
नया हमला उसी इलाके में किया गया है जहां रविवार रात को हमास के एक कथित परिसर को निशाना बनाया गया था।
स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, उस हमले से विस्थापित फलस्तीनियों के एक शिविर में आग लग गई थी जिसमें कम से कम 45 लोगों की मौत हो गई थी। इसे लेकर दुनियाभर में गुस्सा देखा गया।
नेतन्याहू ने कहा कि रविवार को ‘दुखद हादसा’ हुआ जबकि सेना ने कहा कि वह मामले की जांच कर रही है।
फलस्तीनी नागरिक सुरक्षा और फलस्तीनी रेड क्रीसेंट के मुताबिक, रात में किए गए हमलों में उत्तर पश्चिम रफह के तेल अल-सुल्तान इलाके में कुल 16 लोगों की मौत हो गई।
इजरायल का कहना है कि वह गाजा-मिस्र सीमा के पास पूर्वी रफह में सीमित अभियान चला रहा है। मगर स्थानीय निवासियों ने बताया कि रफह के पश्चिमी हिस्सों में रातभर भारी बमबारी हुई है।
दिसंबर से तेल अल-सुल्तान में पनाह ले रहे गाजा शहर के निवासी अब्देल रहमान अबू इस्माइल ने कहा, “ यह खौफनाक रात थी।”
उन्होंने कहा कि रात से लेकर सुबह तक विस्फोट की आवाजें सुनाई देती रहीं तथा लड़ाकू विमान एवं ड्रोन इलाके में मंडराते रहे। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि आसपास हो रही भारी बमबारी की वजह से तेल अल-सुल्तान के दो मेडिकल केंद्र को बंद करना पड़ गया है।
‘मेडिकल ऐड फॉर पेलेसटिनियंस’ ने कहा कि तेल अल-सुल्तान मेडिकल केंद्र और इंडोनेशियाई फील्ड अस्पताल को बंद कर दिया गया है तथा स्वास्थ्यकर्मी, मरीज और विस्थापित लोग अंदर फंस गए हैं।
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