जगदलपुर/ छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में पुलिस ने 23 मई को 8 नक्सलियों को मार गिराया। इसमें 2 अन्य लोगों को भी गोली लगी है। इनमें एक की मौत हो गई, जबकि दूसरे की हालत गंभीर है। इतुल पारा के लोग दोनों को ग्रामीण बता रहे हैं। वहीं नारायणपुर के SP प्रभात कुमार का कहना है कि जो भी घायल हैं, वे सब नक्सली हैं।

दूसरी ओर ग्रामीणों में पुलिस का डर इतना ज्यादा है कि वह घायल को इलाज के लिए गांव से बाहर तक नहीं ले जा रहे हैं। इसका पता चलने पर दैनिक भास्कर की टीम जगदलपुर से दंतेवाड़ा के बारसुर और फिर वहां से नारायणपुर के ओरछा पहुंची। इसके बाद पहाड़, पथरीले रास्ते, जंगल और बरसाती नाले को पार करती हुई अलबेड़ा के इतुल पारा पहुंची।

पुलिस को गोली से इसी गांव के रहने वाले सोनू जुर्री की मौत हुई है। उसका शव घर में ही रखा था और गांव में मातम पसरा हुआ था। पास के ही गांव पेड़का निवासी गोर्रा को 2 गोली लगी है। हमने गांव वालों और उनके परिजनों से बात की। पढ़िए उस दिन की कहानी, उन्हीं की जुबानी….