केदारनाथ में मंगलवार से सभी तीर्थयात्रियों को गर्भगृह में जाकर बाबा केदार के दर्शन करने का मौका मिलेगा। 

केदारनाथ में प्रशासन व बीकेटीसी के अफसरों की तीर्थपुरोहितों के साथ हुई वार्ता के बाद यह निर्णय लिया गया। अभी तक यात्रियों की अप्रत्याशित भीड़ को देखते हुए गर्भगृह के बजाए सभा मंडप से ही दर्शन कराए जा रहे थे।

उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को चारधाम यात्रा को लेकर सचिवालय में बैठक की। इसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। 

केदारनाथ में तीर्थपुरोहितों ने सोमवार को जहां वीआईपी दर्शन का विरोध किया वहीं,सभी यात्रियों को समान रूप से गर्भगृह में दर्शन की मंजूरी देने की मांग की गई।

इस पर केदारनाथ यात्रा मजिस्ट्रेट अंशुल सिंह और बीकेटीसी के कार्याधिकारी आरसी तिवारी ने डीएम से वार्ता के बाद सभी श्रद्धालुओं को गर्भ गृह में जाकर दर्शन कराए जाने का निर्णय लिया। 

इस बार केदारनाथ में बड़ी संख्या में तीर्थयात्री पहुंच रहे हैं। यहां रोज 30 हजार से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं।

इसके चलते बीकेटीसी व प्रशासन ने गर्भ गृह के बजाए सभामंडप से दर्शन कराने की व्यवस्था लागू की थी। आरसी तिवारी ने बताया कि मंगलवार से सभी यात्रियों को समान मानते हुए गर्भ गृह में जाकर दर्शन कराए जाएंगे।

आपको बता दें कि चारो धाामें में से केदारनाथ धाम में सबसे ज्यादा भक्तजन दर्शन करने को पहुंच रहे हैं। 

31 मई तक चारधाम ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर रोक
चारधाम यात्रा के ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन पर रोक 31 मई तक बढ़ा दी गई है। सोमवार को सचिवालय में यात्रा की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसके निर्देश दिए।

अभी तक यह बंदिश 19 मई तक के लिए थी। हालांकि रजिस्ट्रेशन की ऑनलाइन व्यवस्था जारी रहेगी। सीएम ने बैठक में अफसरों से चारधाम यात्रा में व्यवस्थाओं की जानकारी ली।

यात्रियों का सम्मान जरूरी
समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड आने वाला हर यात्री प्रदेश का अतिथि है। उसकी सुविधा और सहूलियत सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को भी अनुशासन की विशेष नसीहत की। उन्होंने कहा कि यात्रा पर आने वाले यात्रियों के साथ सम्मान के साथ व्यवहार किया जाए। यात्रियों से अमर्यादित व्यवहार की शिकायत नहीं आनी चाहिए। ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाएगा।

एडवाइजरी जारी करें
यात्रियों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए सीएम ने टूर ऑपरेटरों के लिए एडवाइजरी जारी करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में ऐसे यात्री भी आ रहे हैं, जिनका चारधाम के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है।

ऐसे यात्रियों को चारधाम यात्रा में नंबर आने तक दूसरे तीर्थ और पर्यटन स्थलों से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने पुलिस व पर्यटन विभाग को इसके लिए अन्य धार्मिक-आध्यात्मिक स्थलों के दर्शन की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।

ड्यूटी न छोड़ें अफसर
सीएम ने केदारनाथ व यमुनोत्री के लिए नियुक्त नोडल अफसरों को निरंतर फील्ड में बने रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नोडल अफसर की अहम जिम्मेदारी है।

ये अधिकारी फील्ड में बने रहें। सीएम ने जोर देते हुए कहा कि नोडल अधिकारी यात्रा की व्यवस्थाओं में डीएम और पुलिस का सहयोग करें। यात्रा से जुड़े विभागों को 24 घंटे अलर्ट मोड में रहने के निर्देश देते हुए कहा कि यात्रा मार्ग पर पर्याप्त चिकित्सकों और दवाइयों की उपलब्धता हर वक्त रहनी चाहिए।

चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं की हर हफ्ते होगी समीक्षा
यात्रा के शुरुआती दस दिन की समीक्षा कर सरकार खामियों और अच्छे प्रयोगों का ब्योरा तैयार करेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर खामियों का स्थायी समाधान तलाशा जाएगा जबकि व्यवस्था में सुधार से जुड़े प्रयोगों को बड़े स्तर पर लागू किया जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में बैठक के दौरान अफसरों को यह निर्देश दिए। अपर मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।

मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव को कहा कि अब से यात्रा प्रबंधन की साप्ताहिक रिपोर्ट नियमित रूप से तैयार की जाए।