प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवर्तन निदेशालय को लेकर खुलकर बात की है। हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि ईडी की तरफ से जब्त की हुई राशि को गरीबों में वितरित किए जाने के रास्ते तलाशे जा रहे हैं।
हालांकि, उन्होंने यह साफ नहीं किया है कि ऐसा कब तक हो सकेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के काल में ईडी ने काम करना बंद कर दिया था। जबकि, भारतीय जनता पार्टी सरकार में यह खुलकर काम कर रही है।
इंडिया टुडे से बातचीत में पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं इसपर काफी विचार कर रहा हूं, क्योंकि मुझे दिल से लगता है कि इन लोगों ने अपने पद का गलत फायदा उठाकर गरीब लोगों का पैसा लूटा है और उन्हें वो वापस मिलना चाहिए।’
उन्होंने कहा, ‘अगर मुझे कानूनी बदलाव करने पड़े, तो मैं करूंगा। फिलहाल, मैं लीगल टीम का सहयोग ले रहा हूं। मैंने न्यायपालिका को भी मुझे सलाह देने के निर्देश दिए हैं।’
पीएम ने यह भी बताया कि भारतीय दंड संहिता यानी IPC के स्थान पर लाई गई ‘न्याय संहिता’ में भी इस संबंध में कुछ प्रावधान हैं।
चैनल से बातचीत में उन्होंने जानकारी दी कि अब तक सरकारी एजेंसियां 1.25 लाख करोड़ रुपये की जब्त कर चुकी हैं। इस दौरान उन्होंने खासतौर से पश्चिम बंगाल, केरल और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से जुड़े मामलों का जिक्र किया।
उन्होंने केरल को लेकर कहा, ‘कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थन वाले सहकारी बैंकों में पर्सनल बिजनेस पार्टनरशिप्स के नाम पर लोगों का पैसा ठगा गया।
साथ ही उन्होंने हजारों करोड़ रुपये का फ्रॉड किया है। और …लालू जी जब रेल मंत्री थे तब उन्होंने गरीब लोगों को नौकरी देने के नाम पर अपने नाम पर जमीन हासिल की।’
पीएम का कहना है कि वह गरीबों को जमीन लौटाने को लेकर एक डील का सोच रहे हैं।