रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपने दोस्त और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने के लिए चीन पहुंच गए हैं।
पांचवीं बार राष्ट्रपति की कुर्सी संभालने के बाद पुतिन की यह पहली विदेश यात्रा है और 6 महीने के भीतर दूसरी बार चीन पहुंचे हैं।
पुतिन की चीन यात्रा पर अमेरिका और यूक्रेन समेत तमाम पश्चिमी देश नजर गड़ाए हुए हैं।
यूक्रेन अपना दूसरा सबसे बड़ा शहर खारकीव गंवा चुका है और हथियारों की कमी और सैनिकों के मनोबल गिरने के बाद उस पर हार का खतरा भी मंडरा रहा है। ऐसे में पुतिन की चीन यात्रा यूक्रेन के लिए नई अनहोनी ला सकती है।
व्लादिमीर पुतिन का चीन पहुंचते ही भव्य स्वागत किया गया। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सशस्त्र शाखा पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के एक ऑनर गार्ड ने पुतिन से मुलाकात की।
मोटरसाइकिलों पर सैन्य पुलिस की एक ब्रिगेड उनके काफिले के साथ शहर में आई। कुछ देर में उनकी शी जिनपिंग और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक होने की उम्मीद है।
यूक्रेन युद्ध के बाद पुतिन और जिनपिंग की दोस्ती बढ़ी
फरवरी 2022 में जब रूसी सेना ने यूक्रेन पर पूरी ताकत से हमला किया तो अमेरिका और तमाम पश्चिमी देश उस पर भड़क गए। व्लादिमीर पुतिन पर प्रतिबंधों की बौछार की।
यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी हुआ। दूसरी ओर चीन ने पुतिन के साथ अपनी दोस्ती जारी रखी और उसे आगे बढ़ाया।
पुतिन और जिनपिंग कई मौकों पर कह चुके हैं कि रूस और चीन की दोस्ती की कोई सीमा नहीं है। हालांकि दोनों निजी रूप से कितने अच्छे दोस्त हैं, इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती।
चीन का पुतिन से दोस्ती बढ़ाना यूं ही नहीं है, मामले के जानकार बताते हैं कि चीन अमेरिका को अपना प्रतिद्वंद्वी मानता है। इसलिए अमेरिका और पश्चिमी देशों को चिढ़ाने के लिए उसने रूस से हाथ मिलाया है।
पुतिन की चीन यात्रा पर क्यों उठ रहे सवाल
रूसी नेता की दो दिवसीय यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब उनके देश की सेना ने पूर्वोत्तर यूक्रेन के खारकीव क्षेत्र में अभियान तेज कर दिया है।
रूसी सेना दावा कर रही है कि उसने खारकीव के 9 इलाकों पर अपना कब्जा कर दिया है और वह लगातार आगे बढ़ रही है। हालांकि हथियारों की कमी झेल रही यूक्रेनी सेना को उम्मीद है कि वह एक बार फिर रूसी सेना को खारकीव से पछाड़ने में कामयाब होगी।
खारकीव में रूसी सेना को इतनी बढ़ी सफलता फरवरी 2022 के बाद अब जाकर मिली है, तब से वह यूक्रेनी सैनिकों के आगे संघर्ष कर रही थी।
यूक्रेन युद्ध में रूस के साथ है चीन
चीन यूक्रेन युद्ध पर शांतिपूर्ण बैठक और युद्ध खत्म करने की पैरवी करता आया है। हालांकि इससे उलट एक सच्चाई यह भी है कि चीन ने यूक्रेन युद्ध में राजनीतिक रूप से रूस का समर्थन किया है और वह युद्ध के दौरान रूस को मशीन कलपुर्जे, इलेक्ट्रॉनिक्स और अन्य वस्तुओं का निर्यात जारी रखे हुए है।
चीन ने रूस-यूक्रेन युद्ध में खुद को तटस्थ दिखाने की कोशिश की है, लेकिन पश्चिमी देशों के खिलाफ रूस के साथ अपने संबंधों को ‘असीमित’ घोषित किया है।
अमेरिका ने यू्क्रेन के लिए खोला खजाना
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने यूक्रेन के लिए दो अरब अमेरिकी डॉलर के हथियार सौदे की घोषणा की है। ब्लिंकन यूक्रेन को अमेरिकी मदद को लेकर आश्वस्त करने के लिए कीव में हैं और इस दौरान बुधवार को यह घोषणा की गई। यूक्रेन रूस के नये हमलों का मुकाबला करने की तैयारी कर रहा है।
ब्लिंकन ने कीव की दो दिवसीय यात्रा के दौरान कार्यक्रम में कहा कि बाइडन प्रशासन ने यूक्रेन के लिए दो अरब अमेरिकी डॉलर, मध्यम और दीर्घकालिक विदेशी सैन्य वित्तपोषण पैकेज को मंजूरी दे दी है।
अधिकारियों ने कहा कि ज्यादातर पैसा लगभग 1.6 अरब अमेरिकी डॉलर, कांग्रेस द्वारा पारित और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा हस्ताक्षरित पूरक विदेशी सहायता कानून में यूक्रेन को आवंटित 60 अरब अमेरिकी डॉलर की धनराशि के तहत मिला है।