अमेरिका के लिए विश्व युद्ध II में जी जान से लड़े हेरोल्ड टेरेन्स एक बार फिर चर्चा में हैं।

वह अगले महीने फ्रांस में अपनी प्रेमिका से शादी करने जा रहे हैं। उनकी उम्र 100 वर्ष और उनकी प्रेमिका 96 साल की है। दोनों 2021 से एक-दूसरे को डेट कर रहे हैं।

वेडिंग वेन्यू भी बेहद खास है। उन्होंने बताया कि शादी उस समुद्री तट पर हो रही है जहां वर्ल्ड वॉर के दौरान अमेरिकी सैनिक लड़ने के लिए उतरे थे। 

जानकारी के अनुसार, अपनी शादी को लेकर हेरोल्ड काफी एक्साइटेड हैं। वह अपनी शादी को यादगार बनाना चाहते हैं।

विश्व युद्ध II के दौरान अमेरिकी वायु सेना का हिस्सा रह चुके हेरोल्ड को 6 जून के दिन डी-डे लैंडिंग की 80वीं वर्षगांठ पर सम्मानित किया जाएगा।

यह वो ऐतिहासिक दिन था, जब अमेरिका ने मित्र देशों में शामिल होकर विश्व युद्ध का रुख बदल दिया था। इस युद्ध में हेरोल्ड उन चुनिंदा भाग्यशाली लोगों में से एक थे, जो जिंदा बचकर लौटे थे।

सम्मानित होने के दो दिन बाद हेरोल्ड अपनी प्रेमिका जीन स्वेरलिन से फ्रांस के उस समुद्री तट पर आधिकारिक रूप से एक-दूसरे के हो जाएंगे, जहां विश्व युद्ध II के दौरान 1944 में हजारों अमेरिकी सैनिक उतरे थे। विवाह कार्यक्रम शहर के मेयर की उपस्थिति में होगा।

ऐसी प्रेम कहानी नहीं सुनी होगी
टेरेंस ने एएफपी को दिए इंटरव्यू में कहा कि “यह एक ऐसी प्रेम कहानी है जैसी आपने पहले कभी नहीं सुनी होगी।”

फ्लोरिडा में स्वेरलिन के घर पर एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा कि वे किशोरों की तरह एक-दूसरे को मिलते हैं, हाथ पकड़ते हैं और एक-दूसरे में खो जाते हैं। स्वेरलिन अपने मंगेतर के बारे में कहती है, “वह बहुत अच्छे हैं, मुझे उनकी हर चीज़ पसंद है। वह सुंदर है और अच्छे किसर भी।”

बेहद जिंदादिल हैं टेरेन्स
सौ साल के हो चुके हेरोल्ड टेरेन्स की जिंदादिली उनकी उम्र से इत्तेफाक नहीं रखती। वह हंसमुख और बहुत मजाकिया है। उनकी याददाश्त भी अपनी उम्र के हिसाब से मैच नहीं करती। वह तारीखों, स्थानों और घटनाओं को बिना किसी रुकावट के याद रखते हैं। 

पहली पत्नी की मौत के बाद मिली प्रेमिका
रिपोर्ट के अनुसार, विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद हेरोल्ड अपने घर लौट आए थे, जहां उन्होंने थेल्मा से शादी की। उनके तीन बच्चे हुए। हेरोल्ड ने एक ब्रिटिश कंपनी के लिए भी काम किया।

रिटायरमेंट के बाद उनका परिवार फ्लोरिडा बस गया। 2018 में थेल्मा की मौत के बाद हेरोल्ड अकेले पड़ गए। इस दौरान किसी दोस्त के जरिए हेरोल्ड की स्वेरलिन से मुलाकात हुई। स्वेरलिन विधवा थीं। दो मुलाकातों में दोनों ने तय कर लिया कि वे आगे साथ रहेंगे।

18 साल में हो गए थे भर्ती
टेरेंस जब 18 साल के ही हुए थे, तब जापान ने पर्ल हार्बर में अमेरिकी नौसेना बेस पर बमबारी की थी। होरोल्ड बताते हैं कि वह भी उस वक्त कई युवा अमेरिकियों की तरह सेना में भर्ती होना चाहते थे। 20 साल की उम्र तक वह मोर्स कोड में विशेषज्ञ थे।

उस वक्त युद्ध के दौरान इंग्लैड जाने के लिए उन्हें चार पी-47 थंडरबोल्ट लड़ाकू विमानों के एक स्क्वाड्रन का जिम्मा सौंपा गया था।  

विश्व युद्ध II को याद करते हुए वह कहते हैं, ”उस लड़ाई में हमने बहुत सारे विमान और बहुत सारे पायलट खो दिए थे। हम सभी उस वक्त काफी छोटे थे और अपने दोस्तों को खुद के सामने मरते हुए देखना मेरे लिए बहुत तकलीफदेह था। हालांकि मैं बहुत भाग्यशाली हूं जो जिंदा बचकर लौटा।”

नॉर्मंडी ऑपरेशन के दौरान उनकी कंपनी ने अपने 60 विमानों में से आधे खो दिए। टेरेंस ने युद्ध के दौरान जर्मन कैदियों और मित्र देशों की सेना को इंग्लैंड ले जाने में मदद की थी।