दूसरे देशों की जासूसी करवाना चीन की आदत में शुमार है। कई बार दुनियाभर में चीन के जासूस पकड़े जाते हैं।
वहीं चीन यह भी कोशिश करता है कि दूसरे दशों या अंतरराष्ट्रीय संगठनों के चुनावों को प्रभावित किया जाए। इसी तरह की हरकत चीन यूरोपीय यूनियन में भी कर रहा था।
जर्मनी की पुलिस ने एक धुर दक्षिणपंथी नेता के सहयोगी को चीन के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
जानकारी के मुताबिक जियान जी नाम का यह शख्स यूरोपीय संसद की गुप्त जानकारियां भी चीन के मंत्रालय में किसी कर्मचारी को भेजता था।
जून महीने में ईयू को चुनाव भी होने वाले हैं। ऐसे में यह बेहद गंभीर मामला सामने आया है। वहीं चीन ने इन आरोपों को शिरे से खारिज किया है और जर्मनी की गिरफ्तारी पर नाराजगी भी जाहिर की है।
जर्मनी के प्रशासन ने यह क्लियर नहीं बताया है कि किस राजनेता के सहयोगी को गिरफ्तार किया गया है।
हालांकि मीडिया रिपोर्टस में मैक्सिमिलन क्राह का नाम लिया गया है जो कि दक्षिणपंथी नेता हैं।
आने वाले यूरोपीय पार्ल्यामेंट के इलेक्शन में मैक्सिमिलन क्राह को जर्मनी (AfD) की पार्टी का विकल्प माना जा रहा है। पुलिस ने जियान जी के अपार्टमेंट में छापा मारकर उसे गिरफ्तार किया था। आरोप यह भी है कि जर्मनी में चीन के विपक्ष से संबंधित लोगों की भी जियान जी जासूसी कर रहा था।
बर्लिन की गृह मंत्री नैन्सी फीजर ने कहा कि जासूसी के आरोप बेहद गंभीर हैं। उन्होंने कहा, अगर यह क्लिर होता है कि यूरोपीय संसद में चीन की खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी का काम होता था तो यह यूरोप के लोकतंत्र पर बहुत बड़ा हमला है।
उन्होंने कहा, अगर कोई भी राजनेता किसी कर्मचारी की नियुक्ति करता है उसकी जिम्मेदारी बनती है कि उसकी ठीक तरह से जांच पड़ताल की जाए।
उसके कहां से कैसे तार जुड़े हैं इसकी जानकारी होनी चाहिए। बता दें कि क्राह पर रूस के लिए काम करने के भी आरोप लग चुके हैं। बीते महीने एफबीआई ने भी उनसे पूछताछ की थी।
वहीं चीन के विदेश मंत्रालय ने किसी भी तरह की गिरफ्तारी की बात से इनकार किया है और कहा है कि ये केवल बीजिंग को बदनाम करने के हथकंडे हैं। चीन ने कहा कि कुछ लोग नहीं चाहते हैं कि चीन और यूरोप के बीच आपसी सहयोग और संबंध मजबूत हों।
इसलिए यूरोपीय संसद को भड़काने का प्रयास किया जा रहा है। बता दें कि जियान जी की गिरफ्तारी के बाद जर्मनी में तुरंत तीन और लोगों को गिरफ्तार किया गया।
उनपर भी जासूसी का ही आरोप है। यूके में हुई इन गिरफ्तारियों के लिए कहा गया कि वे जरूरी जानकारी बीजिंग को भेज रहे थे।