इस्लामिक देश सऊदी अरब जो कभी कट्टरता के लिए दुनिया भर में बदनाम था, मोहम्मद बिन सलमान अल के राज में अपनी छवि सुधार रहा है।
सऊदी अरब आधिकारिक तौर पर मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहा है। ऐसा करने वाला यह पहला इस्लामिक देश बन गया है।
27 साल की खूबसूरत मॉडल रूमी अलकाहतानी देश का प्रतिनिधित्व कर रही हैं। यह सऊदी अरब के लिए एक और ऐतिहासिक कदम है।
इससे पहले हाल ही में सऊदी अरब ने गैर-मुस्लिम राजनयिकों को शराब खरीदने की अनुमति दी थी। इसके अलावा महिलाओं को सार्वजनिक रूप से गाड़ी चलाने और पुरुषों के साथ कार्यक्रम में हिस्सा लेने की इजाजत दी थी।
27 वर्षीय मॉडल रूमी अलकाहतानी ने सोमवार को इंस्टाग्राम पर जानकारी दी कि वह मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में अपने देश सऊदी अरब से पहली प्रतिभागी होंगी।
द खलीज टाइम्स और एबीसी न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, यह पहली बार है कि सऊदी अरब मिस यूनिवर्स सौंदर्य प्रतियोगिता में भाग ले रहा है।
मॉडल रूमी कौन है?
सऊदी अरब की राजधानी रियाद की रहने वाली रूमी को इंटरनेशनल फेस्टिवलों में भाग लेने के लिए जाना जाता है। कुछ हफ्ते पहले मलेशिया में आयोजित मिस एंड मिसेज ग्लोबल एशियन में वो हिस्सा ले चुकी हैं।
अरब न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार रूमी अलकाहतानी ने कहा, “मेरा योगदान वैश्विक संस्कृतियों के बारे में सीखना और सऊदी संस्कृति और विरासत को दुनिया के सामने लाना है।”
मिस सऊदी अरब का ताज पहनने के अलावा, उनके पास मिस मिडिल ईस्ट (सऊदी अरब), मिस अरब वर्ल्ड पीस 2021 और मिस वुमन (सऊदी अरब) का खिताब भी है।
सऊदी अरब में हो रहे कई बदलाव
सऊदी अरब, जो लंबे समय से अपनी रूढ़िवादिता के लिए जाना जाता है, वर्तमान में 38 वर्षीय क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है।
अरब प्रायद्वीप में सबसे बड़े देश के रूप में सऊदी अरब ने ऐतिहासिक रूप से सख्त सामाजिक और धार्मिक नियंत्रण बनाए रखा है। हालांकि, हाल के महीनों में यहां कड़े प्रतिबंधों में ढील देखी गई है।
महिलाओं पर से कई प्रतिबंध हटाए
सऊदी अरब में हो रहे इन बदलावों ने दुनिया भर का ध्यान खींचा है। विशेष रूप से महिलाओं पर प्रतिबंध हटाने लेकर।
जिसमें उन्हें गाड़ी चलाने, पुरुषों संग कार्यक्रमों में भाग लेने और बिना पुरुष गार्जन के पासपोर्ट के लिए आवेदन करने की अनुमति दी गई है।
इसके अलावा, सऊदी अरब, जो अपने सख्त शराब नीतियों के लिए जाना जाता है, ने हाल ही में गैर-मुस्लिम राजनयिकों को शराब खरीदने की अनुमति दी है।