पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में बारिश आफत बनकर आई है।
पिछले 48 घंटे में बारिश संबंधी घटनाओं में कम से कम 37 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई मकान ढह गए। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि पूरे पाकिस्तान में हुई बारिश के कारण कई घर ढह गए और खासकर खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) प्रांत के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में भूस्खलन के कारण सड़कें अवरुद्ध हो गईं।
प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि गुरुवार रात से अफगानिस्तान की सीमा से लगे खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई, जिनमें ज्यादातर बच्चे हैं।
प्राधिकरण ने कहा कि पिछले 48 घंटे में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के बाजौर, स्वात, लोअर दीर, मलकंद, खैबर, पेशावर, दक्षिण वजीरिस्तान और लक्की मरवत समेत दस जिलों में हुई मूसलाधार बारिश में 37 लोग घायल हो गए हैं।
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने कहा कि बारिश से प्रभावित लोगों को इस नाजुक वक्त में अकेला नहीं छोड़ा जाएगा और उनके नुकसान के लिए उचित मुआवजा दिया जाएगा।
पीओके में भी दिखा तबाही का मंजर
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में भी लोगों के मरने और क्षति की सूचना मिली है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पीओके में पांच लोगों की मौत हो गई है। प्राधिकरण के एक प्रवक्ता ने कहा कि राजमार्गों को अवरुद्ध करने वाले मलबे को हटाने के लिए आपातकालीन राहत और भारी मशीनरी को क्षेत्र में भेजा गया था।
उत्तरी गिलगित बाल्टिस्तान क्षेत्र के प्रवक्ता फैजुल्लाह फराक के अनुसार, काराकोरम राजमार्ग बारिश और बर्फ के कारण हुए भूस्खलन के कारण कुछ स्थानों पर अभी भी अवरुद्ध है। उन्होंने कहा कि साल के इस समय में बर्फबारी असामान्य रूप से भारी थी।
अधिकारियों ने मौसम की स्थिति के कारण पर्यटकों को सुंदर उत्तर की ओर यात्रा न करने की सलाह दी है। पिछले सप्ताह भारी बारिश के कारण कई पर्यटक वहां फंस गए थे।
पाकिस्तान में इस साल सर्दियों की बारिश में देरी देखी गई है, जो नवंबर के बजाय फरवरी में शुरू हुई। पाकिस्तान में हर साल मानसून के साथ-साथ सर्दियों की बारिश से भी नुकसान होता है।
दो साल पहले भी आफत बनी थी बाढ़
दो साल पहले भी पाकिस्तान को बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ी थी। जिसमें सौकड़ों लोगों की मौत हुई थी। इस विनाशकारी बाढ़ के कारण पड़ोसी देश का एक तिहाई हिस्सा जलमग्न हो गया था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 3.3 करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हो गए था। पाकिस्तान की पहले से ही चरमराती अर्थव्यवस्था को 12.5 अरब अमरीकी डालर का आर्थिक नुकसान हुआ था।