पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने रविवार को गुरुवार के आम चुनावों के अंतिम परिणाम घोषित कर दिए हैं।
जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी द्वारा समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवारों को 101 सीटें जीतकर सबसे बड़ा फायदा हुआ।
हालांकि, बढ़त मिलने के बाद भी इमरान खान की पार्टी के लिए सरकार बनाने का रास्ता तय नहीं हो सका है। पाकिस्तान चुनाव आयोग ने चुनाव लड़ी गई 265 सीटों में से 264 सीटों के नतीजे घोषित कर दिए हैं।
नहीं मिला किसी पार्टी को बहुमत
पाकिस्तान के चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत न मिलने की दिशा में राजनीतिक दलों ने रविवार को गठबंधन सरकार के गठन के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए।
पाकिस्तान के जनादेश यह साफ हो गया है कि नकदी संकट से जूझ रहे देश को आम चुनावों के बाद त्रिशंकु संसद का सामना करना पड़ेगा।
आम चुनाव गुरुवार को हुए थे, लेकिन नतीजों की घोषणा में असामान्य देरी के कारण माहौल खराब हो गया क्योंकि कई पार्टियों ने गड़बड़ी की शिकायत की और कुछ ने विरोध प्रदर्शन किया।
वहीं पाकिस्तान की सेना ने भी पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज सुप्रीमो नवाज शरीफ से गठबंधन सरकार चलाने का प्रस्ताव रखा।
सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को नेशनल असेंबली में 265 में से 133 सीट जीतनी होगी। एक उम्मीदवार की मौत के बाद एक सीट पर चुनाव स्थगित कर दिया गया था।
कुल मिलाकर, साधारण बहुमत हासिल करने के लिए 336 में से 169 सीट की आवश्यकता है, जिसमें महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षित सीट भी शामिल हैं।
पाकिस्तान में शुरू हुई जोड़-तोड़ की सियासत
पाकिस्तान के आम चुनाव में किसी भी एक पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के मद्देनजर गठबंधन सरकार के गठन के लिए चर्चाएं और जोड़ तोड़ की कोशिशें शुरू हो गई हैं।
त्रिशंकु संसद बनने के आसार के बीच गठबंधन सरकार बनाने के प्रयासों को तब गति मिली जब पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने शुक्रवार को प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों से पाकिस्तान को मौजूदा कठिनाइयों से बाहर निकालने के लिए हाथ मिलाने की अपील की। माना जाता है कि शरीफ को शक्तिशाली सेना का समर्थन प्राप्त है।
नवाज पहले ही दे चुके विक्ट्री स्पीच
तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ ने अपने तथाकथित विक्ट्री स्पीच में पहले ही संकेत दे दिया है कि वह देश को संकट से बाहर निकालने के लिए निर्दलियों के साथ हाथ मिलाने को तैयार हैं।
भले ही शरीफ की पीएमएल-एन और बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व वाली पीपीपी को शेष सीटों पर जीत मिल जाए, फिर भी उन्हें सरकार बनाने के लिए अन्य विजेता दलों या निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थन की आवश्यकता होगी। दोनों पार्टियां गठबंधन सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी हैं।
नजाब और बिलावल की हुई बैठक
पीपीपी प्रमुख बिलावल और उनके पिता आसिफ अली जरदारी ने नवाज शरीफ और उनके भाई शहबाज शरीफ के साथ अलग-अलग बैठकें कीं। पीएमएलएन के एक नेता ने शनिवार को बताया, ”आसिफ अली जरदारी और नवाज शरीफ ने जाति उमरा में बैठक की, जिसमें दोनों ने इस्लामाबाद में गठबंधन सरकार बनाने पर चर्चा की।”
उन्होंने कहा कि पीएमएल-एन और पीपीपी दोनों छोटे दलों की मदद से सरकार बनाने के लिए आरामदायक स्थिति में हैं, जबकि पीटीआई को विपक्ष में बैठने के लिए मजबूर किया जाएगा।