मॉस्को में बैठकर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले शख्स के बारे में चौंकाने वाली जानकारियां सामने आई हैं।

जानकारी के मुताबिक सतेंद्र सिवाल नाम का यह व्यक्ति पैसे की खातिर देश से जुड़ी सेंसिटिव इंफॉर्मेशन आईएसआई को सौंप रहा था।

सूत्रों के मुताबिक विदेश मंत्रालय को सिवाल की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी है। इस सिलसिले में वह संबंधित जांच अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है।

इस संबंध में एटीएस पुलिस थाना, लखनऊ में सतेन्‍द्र सिवाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 121 ए आईपीसी (देश के खिलाफ आपराधिक साजिश) और शासकीय गुप्त अधिनियम 1923 के तहत एफआईआर दर्ज की है। अभी तक सतेंद्र सिवाल के बारे में जो जानकारियां मिली हैं वह इस तरह से हैं…

मॉस्को में तैनाती
सतेंद्र सिवाल यूपी के हापुड़ जिले के शम्सुद्दीनपुर गांव के रहने वाले जयवीर सिंह का बेटा है। सतेंद्र मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास में साल 2021 से तैनात है।

सिवाल यहां पर मल्टी टास्किंग स्टाफ के रूप काम कर रहा था और दूतावास में उसकी पोजीशन सिक्योरिटी असिस्टेंट की थी। एटीएस ने इलेक्ट्रॉनिक और भौतिक निगरानी के माध्यम से मामले की जांच की।

इस जांच में उसने पाया कि सतेन्‍द्र सिवाल आईएसआई संचालकों के नेटवर्क के साथ भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल था।

यह भी पता चला है कि रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों की रणनीतिक गतिविधियों के बारे में महत्वपूर्ण गोपनीय जानकारियां मुहैया करा रहा था।

पैसे के एवज में जानकारी
एटीएस को विभिन्न गोपनीय स्रोतों से खुफिया जानकारी मिल रही थी। इसमें पता चला था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के हैंडलर कुछ लोगों के माध्यम से भारतीय सेना से संबंधित रणनीतिक जानकारियों के लिए विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों को पैसे का लालच दे रहे हैं।

इससे भारत की आंतरिक और बाह्य सुरक्षा को बड़ा खतरा होने की आशंका है। उप्र के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार के बयान के अनुसार आरोपी उन्हें यह सूचनाएं धन के एवज में उपलब्ध करा रहा था।

सिवाल को एटीएस फील्ड यूनिट मेरठ में बुलाया गया और नियमानुसार पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सका और अपना अपराध कबूल कर लिया।