रायपुर। छत्तीसगढ़ में 2 हजार करोड़ रुपये के शराब घोटाला मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया गया है। ईडी ने आज तीसरी बार पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा को पूछताछ के लिए बुलाया था। पूछताछ के बाद ईडी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें आज ईडी दफ्तर से स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा।

इससे पहले छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री रहे और वर्तमान में कांग्रेस विधायक कवासी लखमा और उनके बेटे के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी। धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत कुल सात ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। इनमें रायपुर में लखमा का आवास और सुकमा जिले में उनके बेटे हरीश लखमा का आवास शामिल था। इसके अलावा कुछ अन्य लोगों के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई थी।

इस छापेमारी में ईडी के अधिकारी 50 से ज्यादा और करीब 100 जवान शामिल थे। पूर्व मंत्री लखमा पर आरोप है कि साल 2020 से 2022 तक जब वो छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री थे, तब उन्हें हर महीने 50 लाख रुपये दिये जाते थे। ये पैसा वो कमीशन के तौर पर लेते थे।

पूर्व मंत्री कवासी लखमा अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं। दिसंबर महीने की कार्रवाई से पहले भी ईडी ने उनके खिलाफ छापेमारी की कार्रवाई की थी। जहां तक बात शराब घोटाले की है तो बीते साल ही छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने मामले को लेकर बड़ा फैसला लिया था। सरकार ने इस कथित घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी।

कथित शराब घोटाले में एसीबी में हुई एफआईआर के बाद ईडी जांच कर रही है। एफआईआर में 2 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ईडी की जांच में ये बात सामने आई है कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में कई नेता और अफसर अवैध सिंडिकेट चलाकर शराब घोटाले को अंजाम दे रहे थे।

रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि तत्कालीन आबकारी मंत्री लखमा को इसकी जानकारी थी। एफआईआर में इस बात का भी जिक्र है कि कमीशन का बड़ा हिस्सा लखमा के पास भी जाता था। 2 हजार 161 करोड़ के शराब घोटाले में एसीबी ने 70 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।