नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ बिल को मंजूरी दे दी। इस तरह संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में ही वन नेशन वन इलेक्शन बिल को पेश करने की संभावना बढ़ गई है। संसद का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक है।

ऐसे में माना जा रहा है कि मोदी सरकार वन नेशन वन इलेक्शन का बिल पेश कर इसे संसद की जेपीसी को भिजवा सकती है। ताकि इस पर आम राय बनाई जा सके। कुछ महीने पहले ही मोदी कैबिनेट ने वन नेशन वन इलेक्शन पर दाखिल रिपोर्ट को भी मंजूरी दी थी। विपक्षी दलों ने हालांकि वन नेशन वन इलेक्शन का आम तौर पर विरोध किया है। हालांकि, बीएसपी सुप्रीमो मायावती इसके समर्थन में हैं।

पीएम मोदी ने सबसे पहले 2019 में 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एक देश एक चुनाव के अपने विचार को आगे बढ़ाया था। उन्होंने कहा था कि देश के एकीकरण की प्रक्रिया हमेशा चलती रहनी चाहिए। 2024 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी प्रधानमंत्री ने इस पर विचार रखा था।

दरअसल, अभी देशभर के सभी राज्यों में विधानसभा चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं, यही नहीं लोकसभा चुनाव भी तारीखें भी विधानसभा चुनाव के साथ मेल नहीं खातीं, ऐसे में सरकार इस बिल को लाकर पूरे देश में विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने की कोशिश कर रही है, जिससे बार-बार चुनाव कराने में होने वाले खर्च और परेशानियों से बचा जा सके। हालांकि ये तभी संभव होगा जब ये विधेयक संसद के दोनों सदनों राज्यसभा और लोकसभा में पारित हो जाएगा। उसके बाद ये विधेयक कानून बन जाएगा।