नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नांदेड़ में एनडीए उम्मीदवारों के समर्थन में वोट मांगा। रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने महा विकास अघाड़ी गठबंधन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जहां कांग्रेस सरकार बन जाती है, वो राज्य कांग्रेस के शाही परिवार का एटीएम बन जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में हमारी सरकार की ज्यादातर योजनाओं के केंद्र में नारीशक्ति रही है।

उन्होंने कहा कि जिस परिवार को पीएम आवास योजना के तहत घर मिल रहा है, जिस घर में नया शौचालय बन रहा है, जहां पहली बार पानी और बिजली का कनेक्शन पहुंच रहा है, जिस रसोई में पहली बार गैस सिलेंडर पर खाना बन रहा है, वहां घर की महिला सदस्य को ही सबसे ज्यादा सुविधा हो रही है।

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने फर्जीवाड़े में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है। कांग्रेस के लोग संविधान के नाम पर अपनी एक अलग लाल किताब बंटवा रहे हैं। कांग्रेस की लाल किताब पर ऊपर तो लिखा है- भारत का संविधान! लेकिन, लोगों ने जब भीतर से खोला तो पता चला कि लाल किताब कोरी है! संविधान के नाम पर लाल किताब छपवाना… उसमें से संविधान के शब्दों को हटाना… ये संविधान को खत्म करने की कांग्रेस की पुरानी सोच है। ये कांग्रेस वाले…देश में बाबा साहब का नहीं, अपना अलग ही संविधान चलाना चाहते हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस को ये बर्दाश्त नहीं हो रहा है कि पिछले 10 वर्षों से देश में एक ओबीसी प्रधानमंत्री है, वो सबको साथ लेकर चल रहा है। इसलिए कांग्रेस ओबीसी की पहचान खत्म करके अलग-अलग जातियों में बांटने का खेल खेल रही है। कांग्रेस बड़े समूह वाले ओबीसी से उसकी पहचान छीनकर उसे छोटे-छोटे समूहों वाली अलग-अलग जातियों में बांट देना चाहती है।

यही कोशिश नेहरू जी से लेकर राजीव गांधी तक सबने की थी। अब वही काम, वही चालबाजों करके कांग्रेस के शहजादे देश की जनता की आंख में धूल झोंक रहे हैं। इसलिए मैं देशवासियों को कहता हूं कि समाज को तोड़ने वाली इनकी प्रवर्तियों से सावधान रहना है। हम एक रहेंगे, तो सेफ रहेंगे।

पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहेब के संविधान के साथ सबसे पहला विश्वासघात कश्मीर में किया था। पूरे देश ने बाबा साहब के संविधान को स्वीकार किया। लेकिन कांग्रेस पार्टी ने आर्टिकल 370 के जरिए कश्मीर में अलग विधान चलाया। कश्मीर में हमारे तिरंगे की जगह अलग झंडा चलाया।

कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के दलितों को उनके कोई अधिकार नहीं दिए। कश्मीर इतने दशकों तक आतंकवाद की आग में जलता रहा, वहां अलगाववाद फलता-फूलता रहा। देश को पता भी नहीं चलने दिया कि इस देश में 75 साल तक 2 संविधान चले।