हिंदू धर्म में कार्तिक माह को सबसे पुण्यकारी माना गया है। कार्तिक का महीना स्नान और दान-पुण्य के लिए विशेष महत्व रखता है। इस महीने में पूजा-पाठ और स्नान-दान करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है। कार्तिक महीने में घर से बाहर किसी पवित्र नदी में स्नान, गायत्री जप एवं दिन में केवल एक बार भोजन करके व्यक्ति को शुभ फल प्राप्त होते हैं और उसकी तरक्की होती है।

कार्तिक मास के दौरान प्रयागराज में स्नान और दर्शन करना लाभकारी माना जाता है। लेकिन अगर आप वहां स्नान करने में असमर्थ हैं तो आप घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल डालकर उन नदियों का भाव अपने मन में रखकर, जैसे कि आप वहीं पर स्नान कर रहे हों, स्नान कीजिये। कार्तिक महीना सबसे पवित्र बताया गया है ऐसे में इस माह में ये काम बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। आइए जानते कार्तिक महीने में किन नियमों का पालन करना चाहिए।

कार्तिक माह में न करें ये काम, जानें नियम
कार्तिक महीने में तामसिक चीजों का सेवन बिल्कुल भी न करें।
कहते हैं कि में श्रीहरि जल में निवास करते हैं इसलिए भूलकर भी मछली ग्रहण न करें।
कार्तिक माह के दौरान बैंगन, मठ्ठा, करेला, दही, जीरा, फलियां और दालों का सेवन नहीं करना चाहिए।

कार्तिक माह में करें ये काम
पूरे कार्तिक महीने के दौरान सुबह स्नान के बाद सूर्यदेव को जल अवश्य अर्पित करना चाहिए।
कार्तिक महीने में तुलसी पत्र से श्री विष्णु की पूजा करने से भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते हैं।
कार्तिक महीने के दौरान शाम के समय तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जरूर जलाना चाहिए।
कार्तिक में सुबह उठकर तुलसी दल का सेवन भी बड़ा ही लाभकारी होता है। लेकिन ध्यान रहे कि तुलसी की पत्ती को चबाया नहीं जाता उसे पानी के साथ निगलना चाहिए।

कार्तिक महीना 2024
इस साल कार्तिक माह की शुरुआत 18 अक्टूबर 2024 से हो रही है। कार्तिक महीना का समापन 15 नवंबर 2024 को होगा। इसके बाद मार्गशीर्ष मास शुरू हो जाएगा, जिसे अगहन माह भी कहते हैं।